Tuesday, February 24, 2009

अंधेरी दुनिया

शिक्षा बच्चों का पहला अधिकार है लेकिन बहुत दुख का विषय है कि ये बच्चे कम उमर में ही मजदूरी करते है। दरअसल उनके माता-पिता अपनी गरीबी के कारण उनसे मजदूरी कराना चाहते है।ऐसे बच्चो को शिक्षित करना एक पढे-लिखे नागरिक का पहला कर्तव्य है।
हमअपनी-अपनी दुनिया में इतने व्यस्त हैं कि इन छोटी –छोटी बातों पर ध्यान ही नहीं देते। आओ सोचें हम क्या कर सकते हैं?
1.अपनी दुनिया को थोड़ा बड़ा करें।
2.ऐसे बच्चों को इकठ्ठा करें ।
3.उनको पढ़ाना शुरु करें।
4.सबसे पहले सुन्दर वर्ण लिखना सिखाऍ।
5. छोटे-छोटे शब्द लिखना सिखाना जरुरी है।
6. अक्षर ज्ञान के साथ- साथ अंकीय ज्ञान देना भी आवश्यक है ।
7.नैतिक शिक्षा के लिये महापुरुषों से सम्बन्धित कहानिय़ॉ सुनाना आवश्यक है।
8.वैदिक मंत्र और प्रार्थना प्रतिदिन करानी चाहिये।
9. छोटी कविताओं को कंठ्स्थ करा देना चाहिये।
10.शारीरिक व्यायाम के साथ –साथ मांनसिक स्वास्थय के लिये ध्यान कराना पहली शर्त है।