Monday, February 15, 2010

खुशियों की बारात

आई है मेरे घर खुशियों की बारात

 छाई है छत पर किलकारी की सौगात 

कुम्हलाये चेहरे पर बहुत दिनों बाद

आई  मुस्कानों   की   बरसात 

मेरे नन्हे से अंकुर सुनना मेरी बात

मिल जाता है लक्ष्य सभी को 

इतनी निश्चित बात है

अपने बोये बीजों का 

फल सभी के साथ है |

4 comments:

  1. आशाओं से भरी प्यारी सी रचना। बढ़िया पोस्ट।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  2. Jai Shri Krishna,

    Nice. I am following your blog regularly. Please see some cartoons at :-

    http://icethatburns.blogspot.com/

    नमस्कार सहित
    A. G. KRISHNAN

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  3. अति सुन्दर ! आशा का यह अंकुर खूब फले फूले यही शुभकामना है ! दोनों हाथों से खुशियों को समेटिये और सहेजिये !

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