आज वर्ष २०१५ का अंतिम दिन ,अभी चार घंटे बाद ही सबके फोन बधाई सन्देश देने के लिए बजने शुरू हो जायेंगे| युवा पीढ़ी अपने -अपने तरीकों से नववर्ष का आगाज करेगी|कहीं पटाखे फोड़े जायेंगे तो कहीं होटलों में नव वर्ष की मस्ती के नाम पर बहुत कुछ ऐसा घट जाएगा जिसे हेप्पी न्यू ईयर के बहाने दबा दिया जाएगा |लोग बड़े-बड़े संकल्प लेंगे ,कम से कम एक सुबह तो उन संकल्पों पर टिके भी रहेंगे|पर अगले दिन से यह स्थिरिता धीरे धीरे कम होती जायेगी|
अपने ही घर में अपने बच्चों को न्याय दिलाने में दिल को बहुत बड़ा करना पड़ता है और कभी-कभी तो अपने निजी हितों का त्याग करना पड़ता है और जब- जब आप ऐसा करते हैं तो आपको आपके घरेलू सदस्य विचित्र नज़रों से देखते हैं आप पर घर का भेदी होने के आरोप भी लगते हैं पर क्या किसी सत्य बात पर अड़े रहना अपराध होता है ,यदि आप अपनी अधिकतम हानि सहकर भी किसी को न्याय दिला पाते हैं तो उससे मिलने वाला सुख आप की हानि से कई गुना बड़ा होता है|
बस ,न्याय की प्रक्रिया इतनी लंबित न हो कि न्याय पाने वाला न्याय पाने की आस में अपनी सांस ही छोड़ दे|
अपने ही घर में अपने बच्चों को न्याय दिलाने में दिल को बहुत बड़ा करना पड़ता है और कभी-कभी तो अपने निजी हितों का त्याग करना पड़ता है और जब- जब आप ऐसा करते हैं तो आपको आपके घरेलू सदस्य विचित्र नज़रों से देखते हैं आप पर घर का भेदी होने के आरोप भी लगते हैं पर क्या किसी सत्य बात पर अड़े रहना अपराध होता है ,यदि आप अपनी अधिकतम हानि सहकर भी किसी को न्याय दिला पाते हैं तो उससे मिलने वाला सुख आप की हानि से कई गुना बड़ा होता है|
बस ,न्याय की प्रक्रिया इतनी लंबित न हो कि न्याय पाने वाला न्याय पाने की आस में अपनी सांस ही छोड़ दे|