Tuesday, August 24, 2010

राखी

भाई की कलाई पर
सजती ये राखी
भाई को कितने -कितने
दायित्वों की याद
शिद्दत से दिलाती राखी
मसलन भूल न जाना
मैं हू तेरी प्यारी बहना
बचपन की हंसती -खेलती यादें
मां के अंगना की शरारतें
पिताजी का दुलार
और दीदी की प्यार पगी डांट
याद दिलाती है राखी ।
राखी केवल राखी ही नहीं
प्रतिनिधित्व करती है
उस सम्बन्ध का
जिसमें प्यार और कर्तव्य
दूध में पानी कीमाफिक
मिला होता है।
भाई को देखते ही
मांऔर पिता भाई केचेहरे
पर चस्पा हो गये ।
भाई की आंखों में उमडा
प्यार का समन्दर
और मन गुनगुनाने लगा
रहे भैया बहना का प्यार











2 comments:

  1. भाई की आंखों में उमडा
    प्यार का समन्दर
    और मन गुनगुनाने लगा
    रहे भैया बहना का प्यार

    बहुत बढिया !!

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  2. भाई बहन के पावित्र रिश्ते को बेहद भावात्मकता के साथ शब्द दिए हैं आपने रचना में ! बहुत अच्छी लगी और मन को गहराई तक आंदोलित कर गयी !

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