Sunday, January 17, 2010

शब्द

शब्द एक शब्द नहीं
शब्द निराकार है
शब्द सभल कर बोलिए 
शब्द महिमा अपार है|
शब्द ही औषध बना
शब्द से होते घाब
शब्द के दिखते नहीं
मुख, हाथ और पाव|
जो निकल जाता है मुख से
शब्द वापिस आता नहीं
दिल किसी का तोड के
चैन तू पाता नहीं|
शब्द पर रखता ध्यान तू
पा जाता सबका प्यार
मौन मुख काऔर मन का
कर देता भाव से पार|
मौन ही है देवता
मौन ही भगवान है
ज्ञानी को हर दम सदा
मौन का बस ध्यान है|
कुछ न कह कर भी 
बहुत कुछा मौन ने कहा
इसलिए कहते गुरुजी
शब्द ही विद्वान है|
सत्य बोलो प्रिय भी बोलो
कड़वा सच भाता नहीं
सर्व धर्म कहते यही
शब्द मीठा महान है|

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