कुछ काव्य कहानी रचना पर मज्बूर हमें कर जाते हैं। 
कुछ घट्नाए यूं तो साधारण पर कभीऐसी घटती,
जाने अनजाने वो हमको सिर से पांव तक छू लेती
कुछ हर्षमयी घटनाएं तोआंखों से नीर झलकाती है,
होते हैं हर्षित देख-देख जीवन  के उस प्यारे क्षण को 
कटु सत्य कभी विस्मृत होते दर्शनकर  उस हर्षित क्षण को । 
है बात पुरानी नहीं बहुत मां ने मेरी समझाया था,
जब साथ मिले पुष्पों का तुम्हेंकांटों को मत विस्मृत करना 
यदिपुष्प सुरभि से भरे हुएकांटे भी उनका एक भाग,
जैसे कोई तुमको पूछेऔर छोडे उस वस्तु का साथ 
जिसने पहुंचाया मंजिल तक जीवन  में तुमको बार -बार 
और कहा पिताश्री ने था मुझे,रखती जिसको मैं सदा याद 
कुछ बातेंऐसी होती हैंजो अंतस्थल छू लेती हैं 
पर बहकर के भावुकता में,कुछ कर्म न ऐसा कर जाना 
पछ्ताओ जिसको स्मरण कर,जीवन में फिर बार- बार 
ये सुन्दर सार भरी बातें,विस्मृत कैसे कोई कर दे 
कुछ छिपे अर्थ जो बता रही,सुन्दर जीवन जो बना रही
अनुपम सारस्वत के सौजन्य से
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बढ़िया रचना है. लाईन की स्पेस ठीक कर लें तो प्रस्तुति अच्छी दिखने लगेगी.
ReplyDeleteachhi ....bahut achhi rachna !
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