Monday, January 18, 2010

रिश्ते जो

       रिश्ते जो

झूठ की बुनियाद

पर टिके हो

उनका विच्छेदित होना

ही बेहतर है|

संबंध जो

स्वार्थ के धरातल पर

बने हो

उनका खत्म होना ही

लाजिमी है

ऊची अट्टालिकाये

जिनकी नीव 

पुख्ता न हो

उनका भरभराकर गिरना

सुनिशिचित है

छद्मवेष धारी

दोगले व्यक्तित्वो 

की भीड़

से बेहतर है

अकेलापन 

और 

सत्य की शक्ति

5 comments:

  1. रिश्ते जो
    झूठ की बुनियाद
    पर टिके हो
    उनका विच्छेदित होना
    ही बेहतर है - सत्य और साश्वत.

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  2. Aap jo kah rahi hain wah nirmam saty hi aaj ka yatharth hai. bahut hi sarthak aur sateek rachana. badhai.

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