रिश्ते जो
झूठ की बुनियाद
पर टिके हो
उनका विच्छेदित होना
ही बेहतर है|
संबंध जो
स्वार्थ के धरातल पर
बने हो
उनका खत्म होना ही
लाजिमी है
ऊची अट्टालिकाये
जिनकी नीव
पुख्ता न हो
उनका भरभराकर गिरना
सुनिशिचित है
छद्मवेष धारी
दोगले व्यक्तित्वो
की भीड़
से बेहतर है
अकेलापन
और
सत्य की शक्ति
vaah !adbhut ek dam spasht rachna
ReplyDeleteरिश्ते जो
ReplyDeleteझूठ की बुनियाद
पर टिके हो
उनका विच्छेदित होना
ही बेहतर है - सत्य और साश्वत.
nice
ReplyDeleteAap jo kah rahi hain wah nirmam saty hi aaj ka yatharth hai. bahut hi sarthak aur sateek rachana. badhai.
ReplyDeleteSahi kaha.....sundar rachna..
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