Sunday, May 9, 2010

दीदी माँ

माँ जो हम दोनों की थी

जा चुकी है हमें छोड़कर

पर अपने ही छोड़े अंश में

अपना स्वरूप देखने की कहकर|

दीदी आपमें ही देखती हूँ उनका रूप 

आप ही तो निभाती हो कि  माँ के दायित्व 

एहसास कराती हो कि माँ जितना अपना

आज भी कोई है मेरे लिए|

निस्संकोच  सुख-दुःख बाँट पातीहूँ जिससे 

आप ही तो हो वो

जिस घर संसार में आज खुश हूँ 

वो भी पापा संग खोजा था आपने ही |

आपसे मिलना ,माँ होने का अहसास कराता है

माँ जो अपनी थीहमारी अपनी

सदा जीवित रहेगी मनमें 

एक सुखद अहसास के साथ|

जब उसकी यादों में डूब जाती हूँ

और छलकने लगती है आँखें

तो वही मुझे याद दिलाती है 

मत रो,मैं हूँ तेरे पास ,तेरी दीदी के रूप में|

प्यारी बहिनअनुपम के सौजन्य से 

3 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति
    मातृ दिवस पर आप को हार्दिक शुभकामनायें और मेरी ओर से देश की सभी माताओं को सादर प्रणाम...

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  2. संसार की समस्त माताओं को नमन

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