माँ जो हम दोनों की थी
जा चुकी है हमें छोड़कर
पर अपने ही छोड़े अंश में
अपना स्वरूप देखने की कहकर|
दीदी आपमें ही देखती हूँ उनका रूप
आप ही तो निभाती हो कि माँ के दायित्व
एहसास कराती हो कि माँ जितना अपना
आज भी कोई है मेरे लिए|
निस्संकोच सुख-दुःख बाँट पातीहूँ जिससे
आप ही तो हो वो
जिस घर संसार में आज खुश हूँ
वो भी पापा संग खोजा था आपने ही |
आपसे मिलना ,माँ होने का अहसास कराता है
माँ जो अपनी थीहमारी अपनी
सदा जीवित रहेगी मनमें
एक सुखद अहसास के साथ|
जब उसकी यादों में डूब जाती हूँ
और छलकने लगती है आँखें
तो वही मुझे याद दिलाती है
मत रो,मैं हूँ तेरे पास ,तेरी दीदी के रूप में|
प्यारी बहिनअनुपम के सौजन्य से
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteमातृ दिवस पर आप को हार्दिक शुभकामनायें और मेरी ओर से देश की सभी माताओं को सादर प्रणाम...
nice
ReplyDeleteसंसार की समस्त माताओं को नमन
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