Wednesday, September 2, 2009

कल की चिंता छोडो और वर्तमान में रहो

किसी दार्शनिक ने कहा था" भविष्य की चिंता मत करो,वह स्वत: संभल जायेगा क्योंकि तुम्हारा वर्तमान क्या कम है तुम्हे परेशान करने के लिये।"भगवान ईसा ने कहा था,"कल की चिंता छोड दो।"सर विलियम आसलर कहा करते थेकि"कल की चिंता छोडो और आज की सीमा में रहो---"ईसा से तीनसओ वर्श पूर्व रोम के एक प्रसिद्ध कविहोंस ने अपनी कविता में कहा था-"वर्तमान का जो निर्माण कर ले,आज के विश्वास के सहारे,कल को जो निषकाम कर ले,भोगेगा वही सुख भर्पूजो पर्याय सुख का निज नाम कर ले।"सारी की सारी उक्तियां यही संकेत करती है किवर्तमान अतीत के गुबार में सिमट जाता है,स्वयम अतीत हो जाता है। भविष्य भी आपका नहीं होता---फिर इसकी चिंताक्यों?हां जब वह वर्तमान का जामा पहन कर आये तो उसे भी देख लीजियेगा।प्राचीन रोमन विचारक कहते थे "जो आज है उसका ही भरपूर उपयोग करोभविष्य के लालच में पडकर आज की सौगात मत
गंवाओ।
सभी महान विचारकों के कथन से यही निष्कर्ष निकलता है कि मनुष्य को भूत और भविष्य की चिंता छोदकर वर्तमान पर ही केन्द्रित होना चाहिये।संशय और भय की अवस्था सबसेवधिक खतरनाक होती है। आपकी एकाग्रता नष्ट होजाती है,मन अशांत हो जाता है,एधर -उधर भटकता रहता है। आपका मनोबल इतना कम्जोर हो जायेगा किआप निरणय लेने की शक्ति खो बैठेगें। जो व्यक्ति स्वयम निर्णय नहीं ले सकता है वह सदा दूसरोंकीउधार में ली गई बुद्धि की वैशाखियों के सहारे चलेगा।किसी परेशानी के आने पर हम चिंतन करें न कि चिंता में ही अपनी रातें बिता दें। चिंता रतजगों के अनछाहे आयोजनों को जन्म देती है
तो हम आज से ही अपने आज को खूबसूरत बनाने में लग जाये ं क्योंकि कम से कम आज तो केवल आपका और आपका हीहै।

















। जान रस्किन ने अपनी पढ्ने की मेज पर एक पे

5 comments:

  1. yadi humne aaj me jeena seekh liya to jindagi me kabhee dukhee ho hee nahee sakate .

    ReplyDelete
  2. बात गौरकरने की है! सब कहते हैं लिखते हैं लेकिन व्यबहार में लाने से कतराते हैं! ठीक इस तरह - और ऐ डुकरिया सुध बुध दे अपनी खाट भीतरी ले!

    ReplyDelete
  3. क्षमा करें लेकिन अतीत का अपना महत्व होता है जब तक हम अपने अतीत का सही मूल्यांकन नहीं करेंगे तब तक न वर्तमान सही हो सकेगा न भविष्य । यह अतीतजीविता नही है अतीत के प्रकाश मे वर्तमान और भविष्य को देखने की समझ है । जो लोग केवल वर्तमान मे जीने की नसीहत देते है वे हमे समस्याओं से पलायन की ओर प्रवृत करते है । एक अच्छी पोस्ट के लिये बधाई -शरद कोकास

    ReplyDelete
  4. aapakee tippaNee se pooree taraha sahamata hoo^ ki ateeta ke paripre
    xya me@ vartamaana koaa^ke lekina ateeta se chipake nahee^ rahe^|

    ReplyDelete