मां तू ही देना अपना प्यार सारा 
यूं तो वर्ष भर पहले छोड दिया साथ 
पर जीवन के हर पल में तुम रहती हो मेरे पास 
तुम जाने वाली थी फिर भी पूछा मेरा हाल 
बचपन से अब तक की कितनी घटनायें आती हैयाद
मा6 का जीवन में होना क्या होता है 
अब और समझ आया है तेरे जाने के बाद 
तुम कहती ठीक जब ऊपर जाना होगा
बताउगींवहां क्या-क्या होता है 
तब तुम्हारी बातों पर हंसती थी मैं 
लेकिन अब मां एक बार बता देती कैसी है वहां। 
क्या देख पाती हो कितना तरसते हैं तेरे लिये 
यूं तो बहुत खुश हूंअपने घर में 
पर तेरे पास जाना कराता था 
मुझे मां का अहसास । 
तुम्हारी बात याद है"दीदी में देखना मुझे" 
करती भी हूं ऐसा ,दीदी भी मानती है मुझे बेटी 
पर दिल में छुपी तेरी यादें 
बार -बार लौटाती हैं मुझे पीछे 
फिर से तेरे दिय्रे संसकारों को समेटे 
बढती हूं राह में आगे 
तेरी भूमिका में उतरने की कोशिश करती हूं 
और रखती हूं तुझे सदा अपने पास 
मां का खोना क्या होता है 
समझ पाई हूं तेरे जाने के बाद 
प्यारी बहिन अनुपम सारस्वत के सौजन्य से


बीना जी आपने तो रुला दिया बहुत मार्मिक अभिव्यक्ति हैब क्या कहूँ माँ जी को विनम्र श्रधाँजली
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