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Sunday, June 20, 2010
बहुत याद आते है पिताजी
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दीप सब अब बुझ गये है
बहुत याद आते है पिताजी
बहुत याद आते है पिताजी
युग को कलियुग बना रहे
कहते हो कि हम आधुनिक हो गए |
सुख-दुःख
मत भूलो कि तुम लड़की हो |
बिजूके
कृष्ण कृपा
जो अपने देते हैं,उसे क्या दंश कहते हैं|
कान्हा अब तो आना होगा
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About Me
beena
मैं अपने विषय में केबल इतना जानती हू कि मेरा जन्म किसी विशेष मक़सद से हुआ है और जब तक मैं उस मंजिल को पूरा नहीं कर लेतीतब तक मुझेचलते ही रहना है।
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