Monday, June 7, 2010

मत भूलो कि तुम लड़की हो |

कितनी बार तो समझाया है
पर हर बार भूल ही जाती हो
कि तुम एक लड़की हो|
किताबों में जो कुछ लिखा है
और जो तुमने पढ़ा है
वह तो किताबों का सच है|
बस याद करने और परीक्षा में
पास होने और उपाधि लेने के लिए |
तुम्हारा एम.ए.,बी.ए. होना
डिग्री लेने के लिए अच्छा है
पर उसे व्यवहार में लाने से
सामाजिक व्यवस्था बिगड़ती है |
पगली लड़की ,इतनी भी नहीं समझती
नौकरी वौकरी तब तक ही ठीक लगती है
जब तक स्वीकृति मिले |
ये तुम्हारा अपना स्वतंत्र निर्णय नहीं
और दो चार किताबें क्या पढ़ ली
फ़िल्में क्या देख ली प्यार करने
चल पड़ी|
अरी बेबकूफ ये सब
े भले घर की लड़कियों को
शोभा नहीं देता |
माँ -बाप की बदनामी होती है|
और तू है कि किताबों का हवाला दिए
जारही है|
कहाँ सर छुपाये तेरा बूढा बाप
और माँ तो मर ही जायेगी |
और कैसे होगी तेरे भाई-बहिनों की शादी
पगली ,पड़-लिख,पर उतना ही
बोल ,जिससे घर बना रहे |
ये रीजनिग ,मनोविज्ञान सब
वाहियात बातें है
क्या कहा तू अब बड़ी अफसर बन गई है |
पर बहना , घर में तेरा दर्जा अभी वही है
पहली क्लास बाला ,अभी तो तू ककहरा सीख |
और ये लड़का ,जो आज तुझे
हवा में झूला रहा है
ये तो उसके मुंगेरीलाल के सपने हैं
जो सुनने में हसीन जरूर लगते हों
पर जल्दी ही बिखर जाते हैं|
फिर एक बार सुन
और हमेशा याद रख कि
तू एक लड़की भर है|

9 comments:

  1. इसे प्रतिकार कहा जाए या फ़िर स्वीकर!
    एक सोच में डुब गया इस प्रस्तुति को पढकर.....

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  2. लड़्की होना यानि सबकुछ खोना

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  3. आज भी कहीं कहीं यही सोच उभरती है...जब लड़कियों पर अत्याचार होता है...वो सुरक्षित नहीं होतीं...इसमें बेटियों के प्रति एक माँ की चिन्ता झलक रही है

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  4. फिर एक बार सुन
    और हमेशा याद रख कि
    तू एक लड़की भर है|
    बिल्‍कुल सटीक .. लडकी की यही स्थिति है !!

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  5. आपकी सोच और चिंता में कहीं न कहीं मुझे अपनी चिंता की प्रतिध्वनि सुनाई देती है ! 'तू एक लडकी भर है' की ज़िल्लत और तोहमत कब तक लडकियां सहेंगी ? जैसे लडकी होना कोई अपराध है, शर्मिंदगी का बायस है ! एक विचारणीय एवं मंथन के योग्य रचना ! मेरी बधाई स्वीकार करें !

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  6. हमें इस सोच को मिटाना है,समय तो लगेगा पर झुकना नहीं है,मिट भले जाएं पर झुकेंगे नहीं।

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  7. तुम्हारा एम.ए.,बी.ए. होना
    डिग्री लेने के लिए अच्छा है
    पर उसे व्यवहार में लाने से
    सामाजिक व्यवस्था बिगड़ती है

    बहुत ही सच और गहरी बात जही है बीना ज्वी

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